Health News: पेट की जलन और कब्ज का रामबाण इलाज है शीशम, आंखों और त्वचा की देखभाल में भी असरदार

Health Tips in Hindi: क्या आप पेट में जलन, गैस या कब्ज जैसी समस्याओं से परेशान हैं? तो आयुर्वेद में वर्णित एक खास औषधीय पेड़ शीशम (Rosewood) आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। हरी चमकती पत्तियों से भरे इस पेड़ में छुपे हैं कई औषधीय गुण, जो न सिर्फ पाचन, बल्कि आंखों और त्वचा के लिए भी लाभकारी हैं।
शीशम: एक प्राकृतिक औषधि

पंजाब के 'बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल' के विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी बताते हैं कि आयुर्वेद में शीशम के पत्ते, छाल और बीजों का प्रयोग कई बीमारियों के उपचार में किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर न केवल हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करते हैं।

पाचन तंत्र को बनाए मजबूत

अगर आप पेट में जलन, गैस, अपच या कब्ज से जूझ रहे हैं, तो शीशम के पत्तों से बना काढ़ा आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसका नियमित सेवन पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है। वहीं, मुंह से जुड़ी समस्याओं जैसे छाले या बदबू से राहत के लिए भी इसके पत्तों को चबाना असरदार माना गया है।

आंखों और त्वचा की समस्याओं में लाभकारी

आयुर्वेद के अनुसार शीशम आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में भी सहायक है। इसका तेल त्वचा रोगों जैसे खुजली, दाग-धब्बों और रैशेज में आराम देता है। शीशम से बना काढ़ा महिलाओं की लिकोरिया समस्या के लिए भी लाभकारी साबित हुआ है।

जोड़ों के दर्द और रक्त विकार में असरदार

डॉ. तिवारी के अनुसार शीशम का रस शरीर को अंदर से डिटॉक्स करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है। अर्थराइटिस के मरीजों के लिए इसका काढ़ा पीना और पत्तों को सेंककर जोड़ों पर लगाना सूजन और दर्द में राहत देता है।

शीशम एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकती है। लेकिन किसी भी प्राकृतिक उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना ज़रूरी है।
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